अब नहीं सुनाई देगी सदन में दिग्गजों की दहाड़

कभी भाजपा के तारणहार रहे भाजपा के दिग्गज अब हाशिए पर कर दिए गए हैं.. ये वो नेता हैं जिनके बिना भाजपा का नाम लिया जाना कभी अधूरा लगता था… जैसे 10 बार के विधायक पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने इस बार अपनी बहू कृष्णा गौर को चुनाव लड़वाकर अपने राजनीतिक कैरियर को विराम दे दिया है….. इसी प्रकार पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार ने अपने बेटे को टिकट दिलाया है… कैलाश विजयवर्गीय भी राष्ट्रीय राजनीति में कदम रख इंदौर से अपने बेटे को चुनाव लड़वा रहे हैं… ऐसे ही पार्टी से टिकट ना मिल पाने के कारण वरिष्ठ मंत्री कुसुम मेहदेले भी सोशल मीडिया पर अपना दुखड़ा रोतीं दिख रहीं हैं… पूर्व मंत्री माया सिंह को भी भाजपा ने टिकट नहीं दिया… वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता सरताज सिंह को टिकट ना मिल पाने के कारण नाराज होकर कांग्रेस में शरण में जाना पड़ा… ऐसे में होशंगाबाद से विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा या फिर सरताज सिंह में से एक ही इस बार विधानसभा में भाजपा की ओर से किस्मत आजमाएगा.. वहीं मनासा से वरिष्ठ नेता कैलाश चावला का भी टिकट भाजपा ने बदल दिया है… गौरतलब है कि इन्हीं नेताओं ने भाजपा के संकट के समय ढाल की तरह काम किया है…लेकिन अब भाजपा ने इन​ दिग्गजों से किनारा कर नए प्रत्याशियों को मौका दिया है.. अब देखना यह होगा कि नया नेतृत्व इन दिग्गजों के खाली स्थान को उसी तरह भर पाता है या नहीं….

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