बीजेपी के दो विधायकों के पाला बदलने के बाद ऊपर से नीचे तक खलबली मची हुई है। आलाकमान इस बात से नाराज है कि आखिर प्रदेश संगठन और बड़े नेता विधायकों की बगावत को भांप क्यों नहीं पाए और ऐसी क्या बात हो गई जिसके कारण विधायक बागी हुए। मध्यप्रदेश में तो बैठकों का दौर चला ही इसके बाद पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को दिल्ली बुलाकर पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट मांगी गई। अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक अध्यक्ष अमित शाह इस पूरी घटना से बेहद नाराज हैं। खासतौर पर शिवराज सिंह चौहान से जिन्होंने नारायण त्रिपाठी को बीजेपी में लाने में मुख्य भूमिका निभाई थी और उन्हें नारायण त्रिपाठी और ब्यौहारी विधायक शरद कौल के कांग्रेस नेताओं के संपर्क में होने की जानकारी भी थी। इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब पार्टी में बाकी विधायकों की किलेबंदी की जा रही है और खासतौर पर वे विधायक जो कि कांग्रेस से आए हैं या वे जो बीजेपी संगठन में किसी बात से नाराज हैं। इन सभी विधायकों पर नजर रखने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है। ये नेता संदिग्ध विधायकों की मॉनिटरिंग करेंगे और इसकी रिपोर्ट संगठन को देंगे ताकि भविष्य में पाला बदलने जैसी किसी आकस्मिक स्थिति के लिए तैयार रहा जा सके।