6 जुलाई को शुरू हुआ बीजेपी का सदस्यता अभियान एक नए विवाद में घिर गया है। ये विवाद है सदस्यों की जाति पूछने का। दरअसल BJP के सदस्य अभियान में मिस्ड काल करने वाले कॉलर से पार्टी उनकी जाति के बारे में पूछा जा रहा है। सदस्यता अभियान के लिए भरे जाने वाले फार्म में भी जाति का कॉलम है कि मेंबर बनने वाला व्यक्ति एससी, एसटी, ओबीसी या सामान्य वर्ग में से किस कैटेगरी का है? दूसरे वर्ग के लिए अदर्स (अन्य) का कॉलम तय किया गया है। जाति पूछने के इस अभियान पर विवाद भी खड़ा हो रहा है। विपक्षी दलों का कहना है कि बीजेपी का जाति पूछने का यह काम जाति समाप्त करने का दावा करने वाले आरएसएस से अलग है। कुछ लोगों ने टिप्पणी की है कि संघ के लोगों ने हिंदुओं के लिए एक मंदिर, एक कुआं और एक श्मशान की अवधारणा पेश की थी लेकिन अब क्या जाति पूछकर जात-पांत को खत्म किया जाएगा। वहीं बीजेपी के नेता इस मामले में सफाई देने में जुटे हैं कि यहां जाति नहीं पूछी जा रही बल्कि वर्ग पूछा है है जिसके आधार पर बीजेपी के मोर्चा बनाए जाते हैं।