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ज्योतिरादित्य सिंधिया के चक्कर में बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता बार बार बेइज्जती का शिकार हो रहे हैं. महाराजा तो बीजेपी के हो गए. लेकिन उनकी वजह से कई बीजेपी नेताओं का राजपाट छिन गया. राजपाट यानि उनका रूतबा या ओहदा कुछ कम हो गया. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेताप्रतिपक्ष रहे गोपाल भार्गव भी उन्हीं में से एक हैं. जिन्हें सिंधिया की वजह से कई दफा खून के घूंट पीना पड़े हैं और चेहरे पर शिकन तक नहीं आने दी. एक बार फिर गोपाल भार्गव की सिंधिया के चलते बीजेपी में बेइज्जती हुई है. वो भी सरेआम. क्योंकि जिस समिति को बनाने की वजह से भार्गव को अपमानित किया गया है वो लिस्ट सबने देखी और एक ही सवाल किया कि गोपाल भार्गव के साथ ही ऐसा क्यों हुआ. ये लिस्ट है बीजेपी की चुनाव संचालन समिति के सदस्यों की. जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी नाम है और गोपाल भार्गव का भी. वैसे तो सम्मान कम सिंधिया का भी हुआ लग रहा है. जिन्हें उनके पुराने विरोधी कैलाश विजयवर्गीय के नीचे स्थान दिया गया है. सिंधिया इस लिस्ट में 6वें नंबर पर हैं. पर गोपाल भार्गव को तो सीधे दसवें नंबर पर पटक दिया गया है. यानि अगर ये लिस्ट टॉप टैन की होती तो भार्गव का नाम उसमें सबसे लास्ट में होता. वैसे गोपाल भार्गव ही क्यों प्रभात झा, राकेश सिंह इन सब नेताओं का नाम सिंधिया से नीचे है. जबकि ये कहना गलत नहीं होगा कि उम्र, तजुर्बे और प्रदेश की राजनीति में गोपाल भार्गव सिंधिया से कहीं ज्यादा आगे हैं. फिर भी बीजेपी अपने ही वरिष्ठ नेता के साथ इस तरह का बर्ताव कर रही है.