कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह. दिग्विजय जैसे राष्ट्रीय स्तर के नेता तो नहीं हैं. लेकिन मध्यप्रदेश की राजनीति में ठीक ठाक पहचान रखते हैं. वैसे तो बड़े भाई की तरह कांग्रेस के वफादार हैं. लेकिन बीच में बीजेपी का घर भी खंगाल ही आए हैं. पार्टी से बगावत कर बीजेपी के सांसद बन चुके हैं. वापस कांग्रेस में हैं. और विधायक भी हैं. कई बार अपनी ही पार्टी पर सवाल उठा चुके हैं. सुनने में आया कि दिग्विजय अक्सर अपने अनुज को समझाते भी हैं कि पार्टी लाइन के बाहर न निकलें लेकिन कलयुग का ये लक्ष्मण इतना विद्रोही है कि राम सरीखे अपने अग्रज की सुनने को भी तैयार नहीं है. इस बार लक्ष्मण सिंह ने महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार पर निशाना साधा है और कहा है कि इस फैसले का खामियाजा कांग्रेस को पूरे देश में भुगतना पड़ेगा. बकौल लक्ष्मण सिंह कांग्रेस की आइडियोलॉजी शिवसेना से कभी नहीं मिल सकती. और जनता इसे भ्रष्टाचार का गठबंधन मानती है. साथ ही पार्टी को ये ताकीद भी किया है कि इसका नुकसान पूरे देश में होगा. अब दिग्विजय सिंह यही सोच रहे होंगे कि अपने छोटे भाई को कैसे समझाएं कि कब क्या बोलना है और क्या नहीं.