मध्यप्रदेश में मीसाबंदियों की पेंशन रोक दी गई है। आपको बता दें कि सत्तर के दशक में देश में लगे आपातकाल का विरोध करने पर जो लोग जेल गए थे उन्हें मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने मासिक पेंशन देने का नियम बनाया था। मध्यप्रदेश में 2000 से ज्यादा मीसाबंदी 25 हजार रुपये मासिक पेंशन ले रहे हैं। साल 2008 में शिवराज सरकार ने मीसा बंदियों को 3000 और 6000 पेंशन देने का प्रावधान किया था जो 2017 में बढ़ाकर 25000 रुपये कर दी गई। इस पर सालाना करीब 75 करोड़ का खर्च आता है। कांग्रेस ने इसे फिजूलखर्ची बताते हुए इस पर रोक लगाने की बात कही थी, हालांकि इस पर सीधे रोक नहीं लगाई गई है लेकिन भौतिक सत्यापन के नाम पर इसे रोक दिया गया है।