धारा 370 पर बोलने से क्यों बच रहे कांग्रेस के नेता?देश में इस समय कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने का मुद्दा गर्म है। बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता उत्साह से लबरेज हैं और मोदी सरकार के कसीदे पढ़ने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे। लेकिन इस महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दे पर कांग्रेस का कोई भी नेता बोलने के लिए सामने नहीं आया है। हालांकि राज्यसभा में कांग्रेस ने धारा 370 हटाए जाने का पुरजोर विरोध किया था और गुलामनबी आजाद ने एक प्रेस कांफ्रेंस करके मोदी सरकार पर भारत का सर काटने जैसा गंभीर आरोप भी लगा दिया था। लेकिन न तो मध्यप्रदेश में और न ही देश में कांग्रेस के दूसरे बड़े नेताओं ने इस मुद्दे पर कोई बयान जारी किया। कांग्रेस की ओर से मोदी सरकार के इस फैसले पर विरोध और समर्थन जैसा कोई बयान जारी नहीं होने से पार्टी का स्टैंड क्लियर नहीं हो पा रहा है। सोमवार को मध्यप्रदेश के मंत्री जीतू पटवारी ने सिर्फ इतना कहा था कि कश्मीर पर कांग्रेस का स्टैंड क्लियर है लेकिन ये स्टैंड क्या है ये जीतू पटवारी नहीं बता पाए। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करके लिखा है –
एकतरफा तरीके से जम्मू और कश्मीर को तोड़कर, चुने हुए प्रतिनिधियों को कैद करके और हमारे संविधान का उल्लंघन करके राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा नहीं दिया गया है। यह राष्ट्र इसके लोगों से बना है, न कि जमीन के टुकड़ों के द्वारा। राहुल ने आगे लिखा है कि कार्यकारी शक्ति के इस दुरुपयोग का हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि राहुल के अलावा पार्टी के दूसरे बड़े नेता ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है न तो ज्योतिरादित्य सिंधिया, न दिग्विजय सिंह न प्रियंका वाड्रा और न ही कमलनाथ ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है। जानकारी के मुताबिक पार्टी की ओर से सभी नेताओं को एडवाइजरी जारी की गई है कि वे 370 के मुद्दे पर न तो कोई प्रतिक्रिया दें और न ही सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट डालें और न शेयर करें। सूत्रों के मुताबिक धारा 370 हटाए जाने के बाद जनभावना को देखते हुए कांग्रेस ने चुप्पी साध ली है। गौरतलब है कि पार्टी के राज्यसभा सांसद भुवनेश्वर कलिता ने कल ही इस मुद्दे पर पार्टी से विरोध जताते हुए इस्तीफा दे दिया था। अब कांग्रेस की एक बड़ी बैठक मंगलवार शाम को हो रही है और उसमें ही तय किया जाएगा कि 370 और जम्मू कश्मीर के विखंडन के मामले पर पार्टी क्या स्टैंड ले।