कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम एक पत्र लिखा है. वैसे ये सिंधिया के लिए उनका पहला पत्र नहीं है. इससे पहले भी वो लंबा चौड़ा संदेश लिख सिंधिया को ये जताने की कोशिश कर चुके हैं कि वो बेवजह पार्टी छोड़ कर गए. इस बार लिखा बहुत ही लंबा सा पत्र भी कुछ इसी तरह का मजमून लिए हुए है. जिसमें उन्होंने सिंधिया के पार्टी छोड़ने की वजहों पर सवाल उठाया है. दिग्विजय ने लिखा कि सिंधिया उस वक्त बीजेपी में गए जब वो आरएसएस के असली एजेंडे को लागू करने की तैयारी में है और देश बांट रही है. इस पत्र के माध्यम से दिग्विजय सिंह ने ये भी साफ करने की कोशिश की है कि सिंधिया को कांग्रेस में पूरी तवज्जो दी जा रही थी. इसलिए उनकी बात न सुनी जाना या उन्हें महत्व नहीं दिए जाने की बातें बेबुनियाद हैं. पर सिंधिया के बहाने दिग्विजय सिंह पूरे समय अपनी पीठ भी थपथपाते रहे हैं. पत्र में उन्होंने चुनाव हारने के बाद दस साल तक संन्यास लेने का जिक्र भी किया है और उस दौरान निःस्वार्थ भाव से पार्टी के सेवा का दम भी भरा है. तो क्या ये मान लिया जाए कि ऐसे पत्र लिख लिख कर दिग्विजय ये जताने की कोशिश कर रहे हैं कि वो कांग्रेस के लिए क्या कुछ नहीं कर चुके या फिर मिस्टर बंटाधार की अपनी छवि से निकलने के लिए दिग्विजय सिंह ने आलाकमान तक अपनी सफाई पहुंचाने का ये तरीका निकाला है.