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उपचुनाव नजदीक हैं तो बीजेपी कांग्रेस दोनों में खलबली मची हुई है. बीजेपी में नए और पुराने नेताओं को साधने की कवायद चल रही है तो कांग्रेस अपनी पुरानी बीमारी से ही जूझ रही है. ये बीमारी है गुटबाजी की. पर मजेदार बात ये है कि उपचुनाव की आहट देखकर गुट भी बदल रहे हैं. अब तक दिग्विजय सिंह और कमलनाथ साथ साथ थे. लेकिन सरकार गिरने के बाद से कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह से दूरी बना ली. तो अब दिग्गी को साथ मिल गया है अजय सिंह का. वैसे तो अजय सिंह और दिग्गी कभी एक गुट में नहीं रहे पर इन दिनों दोनों के सुर से सुर मिल रहे हैं. बागी प्रत्याशियों पर इन दिनों दोनों एक ही बात बोल रहे हैं. शुरूआत अजय सिंह ने की. फेसबुक पर इस आशय का लंबा चौड़ा नोट लिखा. तो दिग्विजय सिंह ने भी ऐसा ही पोस्ट डाल दिया. दोनों के पोस्ट के केंद्र में एक ही पात्र है चौधरी राकेश सिंह. जिन्हें पार्टी में लाने और उपचुनाव में टिकट दिलाने की कवायद तेजी से चल रही है. कमलनाथ खेमा चाहता है कि भिंड जिले की किसी सीट से चुनाव लड़वाया जाए. पर अजय सिंह और दिग्गी ऐसा नहीं चाहते. दोनों नेताओं का मानना है कि ऐसा करने से बागियों के हौंसले बुलंद होंगे. इसलिए जितने भी नेताओं ने पार्टी से गद्दारी की है उन्हें किसी भी तरह टिकट नहीं मिलना चाहिए. अब अजय सिंह और दिग्विजय सिंह के सुर तो आपस में मिल रहे हैं. और कमलनाथ फिर अकेले पड़ गए हैं. देखते हैं अपने पुराने साथियों से कमलनाथ कैसे निपटते हैं.