गंजबासौदा के नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा। शिवरात्रि के महापर्व पर इस प्राचीन मंदिर में सुबह 5:00 बजे से ही भक्तों ने लाइन में लगकर भगवान के दर्शन किए। इस दौरान प्रशासन ने सभी तरह की चाक-चौबंद व्यवस्था की थी। इसी के साथ गमाकर के भी प्राचीन और ऐतिहासिक शिव मठ पर भी दिनभर भारी भीड़ रही। और यहाँ भी भक्तों का तांता लगा रहा। आपको बता दें कि ये दोनों ही ऐतिहासिक और प्राचीन शिव मंदिर है। उदयपुर मंदिर राजा उदयादित्य के शासनकाल में बना था। तो वहीं गमाकर का शिव मठ अपने आप में अजूबा है…क्योंकि दूर-दूर तक कोई पहाड़ ना होने के बाद यह पहाड़ है। जिसमें गुफा भी है। और उसमें शिव जी विराजमान है। के नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा। शिवरात्रि के महापर्व पर इस प्राचीन मंदिर में सुबह 5:00 बजे से ही भक्तों ने लाइन में लगकर भगवान के दर्शन किए। इस दौरान प्रशासन ने सभी तरह की चाक-चौबंद व्यवस्था की थी। इसी के साथ गमाकर के भी प्राचीन और ऐतिहासिक शिव मठ पर भी दिनभर भारी भीड़ रही। और यहाँ भी भक्तों का तांता लगा रहा। आपको बता दें कि ये दोनों ही ऐतिहासिक और प्राचीन शिव मंदिर है। उदयपुर मंदिर राजा उदयादित्य के शासनकाल में बना था। तो वहीं गमाकर का शिव मठ अपने आप में अजूबा है…क्योंकि दूर-दूर तक कोई पहाड़ ना होने के बाद यह पहाड़ है। जिसमें गुफा भी है। और उसमें शिव जी विराजमान है।