ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी में लाने का क्रेडिट अब तक बीजेपी नेता जफर इस्लाम को जाता रहा. पर दरअसल सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के पीछे जफर इस्लाम के अलावा राजमाता भी हैं. लेकिन ये राजमाता विजयाराजे नहीं हैं. जिनकी तर्ज पर सिंधिया के बीजेपी में आते ही उनके पॉलीटिकल डीएनए की बात होने लगी. सिंधिया को दरअसल बीजेपी में लाने की सूत्रधार बनीं शुभांगिनी राजे गायकवाड़. 75 साल की शुभांगिनी बीजेपी नेता हैं और बड़ौदा के शाही परिवार में राजमाता का दर्जा रखती हैं. उनका ताल्लुक ग्वालियर के शाही जाधव परिवार से हैं. शुभांगिनी राजे बड़ौदा के खेड़ा संसदीय क्षेत्र से दो बार लोकसभा चुनाव लड़ चुकी हैं. उन्होंने 1996 में निर्दलीय और 2004 में बीजेपी से चुनाव लड़ा. हालांकि वो दोनों बार हार गईं. 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने बड़ौदा से अपना नामांकन भरा. उस वक्त वो मोदी की प्रस्तावक थीं. दिलचस्प बात ये है कि शुभांगिनी के पति रणजीत सिंह गायकवाड़ कांग्रेस सांसद रहे हैं जबकि शुभांगिनी ने बीजेपी को चुना. ज्योतिरादित्य की पत्नी प्रियदर्शनी भी बड़ौदा राजघराने से हैं. रिश्ते में शुभांगिनी प्रियदर्शिनी की बड़ी मां हैं.