दमोह जिले के हटा सिविल अस्पताल का हाल बेहाल है। ये नजारा यहां हुए नसबंदी शिविर के दौरान भी देखने को मिला जब आपरेशन कराने आई महिलाओं को स्ट्रेचर तक नसीब नही हुआ, आपरेशन के बाद इनके परिजन महिलाओं को हाथो पर झुलाते हुए वार्डो तक ले गए। यही नहीं बच्चा वार्डों में भी दिन भर आवारा जानवरों का डेरा रहता है जो कभी भी मरीजों के लिए खतरा बन सकते हैं। जब हमने इस बारे में बीएमओ डॉ पीडी करगैया से बात की तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि महिलाओं के परिजन कार्यकर्ताओं को हाथ नहीं लगाने देते और अपनी पत्नी को खुद उठाकर ले जाते हैं।