छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री के रूप में चुने गए भूपेश बघेल कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में शुमार होते हैं। इनकी संगठन पर मजबूत पकड़ के चलते कांग्रेस सत्ता में वापसी कर पाई। भाजपा की सरकार के दौरान बघेल हमेशा रमन सरकार के खिलाफ मोर्चा संभाले रहे। यही कारण था कि मुख्यंत्री पद की दौड़ में वो सबसे आगे रहकर विजेता बने। भूपेश बघेल का जन्म 23 अगस्त 1961 को दुर्ग जिले की पाटन तहसील में हुआ था। पिछड़ा वर्ग से आने वाले बघेल का कुर्मी समाज में काफी जनाधार है। 80 के दशक में बघेल ने युवक कांग्रेस के जरिए अपनी राजनैतिक पारी शुरू की। 1990 से 1994 तक वह जिला युवक कांग्रेस कमेटी दुर्ग (ग्रामीण) के अध्यक्ष रहे। 1993 में पहली बार विधायक बने। 1993 से 2001 तक मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड के निदेशक रहे। बघेल मध्य प्रदेश की दिग्विजय सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। वर्ष 2000 में अलग छत्तीसगढ़ राज्य बनने पर अजित जोगी सरकार में भी कैबिनेट मंत्री रहे। 2003 में कांग्रेस की सरकार गई तो उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया गया। 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष रहते हुए भूपेश बघेल ने कांग्रेस को जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।