महाराष्ट्र हरियाणा के नतीजों में बीजेपी की सीटें घटने से खुश विपक्ष शायद ये मान बैठा हो कि झारखंड की राह आसान है. क्योंकि वहां भी बीजेपी के घटक दल उससे अलग हो रहे हैं. लेकिन अमित शाह ने दिल्ली में बैठे बैठे ही बाजी पलटने का इंतजाम कर लिया है. झारखंड से कोसों दूर रह कर भी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह ने ऐसा पत्ता फेंका है जो झारखंड की सियासी बाजी के लिए तुरूप की चाल बन गया है. दिल्ली में आयोजित आदि महोत्सव में अमित शाह का भाषण था तो पूरे देश के लिए. पर शब्द दर शब्द ये साफ होता चला गया कि इसके जरिए वो झारखंड के आदिवासियों तक संदेश पहुंचा रहे हैं. पहले तो उन्होंने आदिवासियों के लिए मोदी सरकार के किए गए कामों का जिक्र किया. और फिर बारी आई बिरसा मुंडा की. इस नाम के साथ शाह ने स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासियों के योगदान को याद किया और संग्रहालय बनाने तक की बात कह दी. अब जाहिर है कि झारखंड में जिस जिस ने शाह की ये बात सुनी होगी वो गैर आदिवासी मुख्यमंत्री होने की नाराजगी भी भूल ही चुका होगा.