कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया के समर्थन में झाबुआ पहुंचे सीएम कमलनाथ का एक अलग ही अंदाज नजर आया. वो यहां आदिवासियों का पारंपरिक वाद्ययंत्र बजाते नजर आए. जिसे कांग्रेस ने ये कह कर प्रचारित किया कि ये कांग्रेस की जीत का घोष है. सीएम तो ढोल लेकर झूमते नजर आए. पर यहां भी कांग्रेस की गुटबाजी और अपने मुखिया को इम्प्रेस करने की कोशिश साफ नजर आई. जब कमलनाथ कार्यकर्ताओं के बीच ढोल लेकर पहुंचे तब कैबिनेट मंत्री जीतू पटवारी भी उनके साथ थे. सीएम के आए से उत्साहित आलोट विधायक मनोज चावला और कार्यकर्ता भी झूमते हुए आगे आए. लेकिन जीतू पटवारी ने उन्हें धक्का देकर पीछे कर दिया. कुछ देर तो चावला स्तब्ध ही नजर आए. फिर मन मसोस कर कार्यकर्ताओं के साथ कोने में खड़े हो कर ही झूमते रहे. क्या करें मजबूरी थी. बेइज्जत होकर भी सीएम के सामने से हट नहीं सकते थे. और मुखिया के सामने कैबिनेट मंत्री से भी उलझ नहीं सकते थे. सो खून के घूंट पीकर शांत रह गए.