और अब बड़ी खबर ये है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद दुखी राहुल गांधी ने पार्टी के पदाधिकारियों पर नाराज़गी और दुख जताते हुए आरोप लगाया था कि हार की जिम्मेदारी किसी नेता ने नहीं ली। इसके बाद पार्टी में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी वहीं प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया और विवेक तन्खा जैसे नेता भी इस्तीफा दे चुके हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद भी लोकसभा का चुनाव हार चुके हैं लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया था। शनिवार को अचानक सिंधिया के इस्तीफा देने के बाद से सियासी हलके में तरह तरह की अटकलें लगाई जाने लगी हैं। राहुल गांधी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा पहले ही दे दिया है और वे इस्तीफा वापस लेने तैयार नहीं हैं फिलहाल वरिष्ठतम नेता मोतीलाल वोरा को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया है और पार्टी के कई नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में सिंधिया के AICC महासचिव पद से इस्तीफे के कई मायने लगाए जा सकते हैं।