15 साल बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस की कमलनाथ सरकार का हनिमून पीरियड कुछ ज्यादा ही लंबा होता जा रहा है। पूरे प्रदेश की कानून व्यवस्था बिगड़ रही है। लेकिन सरकार बदलने के बाद भी जनता वहीं की वहीं खड़ी है। सरकार बने ढाई माह होने को आया, लेकिन कांग्रेसी नेताओं ओर मंत्रियों की खुमारी उतर ही नहीं रही है। कांग्रेसी नेता एक ही बात कह रहे हैं कि अभी सरकार बनी है, अभी काम शुरू नहीं हुआ है। अपने हनिमून पीरियड में सरकार ने तबादलों और पोस्टिंग का खेल तो बदस्तूर चालू रखा लेकिन प्रदेश में बढ़ते अपराधों और अपराधियों के नेटवर्क और पैटर्न पर ध्यान ही नहीं दिया। हाल ही में हुई अपहरण और हत्या की घटना इसका जीता जागता सबूत है। प्रदेश के गृहमंत्री चाहे जब गायब हो जाते हैं, मुख्यमंत्री केवल पुरानी सरकार की नाकामी गिनाने में लगे रहते हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि कांग्रेस नेता ये भूल रहे हैं कि नवविवाहित बहू की गलतियां भी एक हद तक ही बर्दाश्त हो सकती हैं। और एक हद तक ही वे पुरानी व्यवस्था को जिम्मेदार ठहरा सकते हैं। हर बात में पुरानी सरकार का रोना रोने वाले कांग्रेसियों को भी ये बात समझ लेना चाहिए कि जनता ने बदलाव सकारात्मक उम्मीद में किया है। और यदि प्रदेश की कानून व्यवस्था को सुधरवाने के लिए भी कांग्रेस राहुल गांधी के निर्देशों का इंतजार कर रही है तो ये ध्यान रहे कि इस प्रदेश में उनकी सरकार राहुल गांधी ने नहीं जनता ने बनाई है। और जनता सर पर बैठाती है तो धूल भी चटाती है।