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ज्योतिरादित्य सिंधिया ही नहीं उनके समर्थकों के भी बुरे दिन शुरू हो गए हैं. खासतौर से मध्यप्रदेश में. जब से महाराज लोकसभा चुनाव हारे और उसके बाद पार्टी बदली उनकी मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं. पार्टी बदलने के बाद लगा कि बस अब राज्यसभा जाना पक्का. तब कोरोना ने चुनाव टलवा दिए. और अब जब चुनाव की तारीख आ गई तो सिंधिया खुद ही कोरोना के शिकार बन गए. उधर महाराज अपना इलाज करवा रहे हैं. और इधर उनके समर्थकों पर हमला हो रहा है. सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक मुन्ना लाल गोयल पर ग्वालियर में हमला हुआ है जिसके बाद वो बीजेपी कार्यालय पहुंचे और खुद पर हमले के लिए कांग्रेस को दोषी ठहराया. इतना ही नहीं गोयल ने ये भी कहा कि उनकी हत्या की साजिश भी रची गई है. मुन्ना लाल गोयल ने इस मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस ली और सारा घटनाक्रम बताया. हालांकि कांग्रेस ने तुरंत ही इस पर सफाई जारी की. और हमले को स्वप्रायोजित बताया. ये आरोप प्रत्यारोप का दौर तो एक तरफ है. पर ये साफ नजर आ रहा है कि प्रदेश में जितने सिंधिया समर्थक हैं उनके साथ कुछ न कुछ ऐसा गुजर ही रहा जिसे देखकर लगता है कि सबके दिन मुश्किल भरे ही रहने वाले हैं.