मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर को बुलडोजर मंत्री का नाम भी मिला था। ये नाम उन्हें सुंदरलाल पटवा की सरकार में नगरीय प्रशासन मंत्री रहते हुए मिला था। मध्यप्रदेश में 1990 से 92 तक बीजेपी की सरकार में सुंदरलाल पटवा मुख्यमंत्री थे और बाबूलाल गौर को नगरीय प्रशासन मंत्री बनाया गया था। तब गौर ने पूरे प्रदेश में अतिक्रमण हटाने की मुहिम चलाई थी और जहां जहां भी सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे थे उन पर बुलडोजर चलवा दिए थे। पूरे प्रदेश में सड़कें चौड़ी करवा दी थीं और लगभग हर शहर में 60 फीसदी से ज्यादा अतिक्रमण बुलडोजर चलवाकर ढहा दिया गया था। भोपाल में भी बाबूलाल गौर अपने काफिले के साथ बुलडोजर लेकर अतिक्रमण हटाने पहुंच जाते थे। गौर की इस कार्यशैली के कारण लोगों ने उन्हें बुलडोजर मंत्री कहना शुरू कर दिया। जानकारी के मुताबिक भोपाल के बड़े तालाब के किनारे बड़े पैमाने पर झुग्गियां बसी थीं और उन्हें हटाने पर तनाव फैलने की संभावना थी। बाबूलाल गौर को जानकारी मिली कि भोपाल के इकबाल मैदान में CRPF की टुकड़ी के 5000 जवान रुके हैं। गौर ने CRPF के अधिकारियों से बात की और इन 5000 हजार जवानों का फुल ड्रेस फ्लैग मार्च उस झुग्गी बस्ती में करा दिया। इसके बाद बस्ती के लोगों ने खुद ही बस्ती खाली कर दी और बड़े तालाब से अतिक्रमण हट गया। गौर सिर्फ गरीबों की बस्तियों पर ही बुलडोजर नहीं चलवाते थे बल्कि कई रसूखदारों के बड़े बड़े निर्माणों पर बुलडोजर चलवा दिए थे। 2005 में उन्होंने बीजेपी के एक नेता के अवैध निर्माण पर भी बुलडोजर चलवा दिया था।