मध्यप्रदेश एक बार फिर चुनाव के मुहाने पर खड़ा हो गया है. बीजेपी बार बार उपचुनाव की धमकी दे रही है. पूरे प्रदेश में उपचुनाव का मौका आएगा या नहीं ये तो कहा नहीं जा सकता लेकिन दो विधानसभाओं में तो उपचुनावों का मौका आ चुका है. आगर से विधायक मनोहर ऊंटवाल के निधन के बाद बीजेपी का एक विधायक कम हो गया है. जौरा विधानसभा के कांग्रेस विधायक रहे बनवारी लाल के बाद वो सीट भी खाली है. अब दोनों पर ही उपचुनाव होंगे. ये बीजेपी कांग्रेस दोनों के लिए परीक्षा की घड़ी है. अगर बीजेपी जीतती है तो कमलनाथ सरकार की स्थिति डांवाडोल होगी. पर दोनों ही सीट कांग्रेस के खाते में गई तो ये कमलनाथ की बड़ी जीत होगी. क्योंकि फिर उपचुनाव का जो खतरा हरदम सिर पर मंडरा रहा है वो काफी हद तक कम हो जाएगा.