मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार में वन मंत्री उमंग सिंघार अब खुलकर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के खिलाफ मैदान में उतर आए हैं। उमंग सिंघार ने हाल ही में दिग्विजय सिंह के मंत्रियों को लेटर लिखने के मामले में बयानबाजी की थी कि दिग्विजय सिंह परदे के पीछे से सरकार चला रहे हैं वहीं अब सिंघार की सोनिया गांधी को लिखी हुई चिट्ठी मीडिया के पास पहुंची है जिसमें उमंग सिंघार ने दिग्विजय सिंह पर सरकार को अस्थिर करने के आरोप लगाए हैं। हम आपको दिखा रहे हैं उमंग सिंघार की चिट्ठी की मजमून जो उन्होंने सोनिया गांधी को लिखा है।
प्रति,
माननीया श्रीमती सोनिया गांधी जी,
राष्ट्रीय अध्यक्ष
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी
नई दिल्ली
विषयः- स्वयं को पाॅवर सेंटर बनाने में जुटे है दिग्विजय सिंह
माननीया,
बड़े ही दुःख के साथ आपको यह अवगत कराना पड़ रहा है कि म.प्र. में कमलनाथ सरकार को पार्टी के ही कद्दावर नेता एवं सांसद दिग्विजय सिंह अस्थिर कर स्वंय को म.प्र. पाॅवर सेंटर के रूप में स्थापित करने में जुटे है। वे लगातार मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों को पत्र लिखकर और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर रहें हैं इन पत्रों को मजबूत विपक्ष दलों के लिए एक मुद्दा बन जाता है। दिग्विजय सिंह के पक्ष को लेकर विपक्ष आए दिन मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनकी सरकार को घेरने के असफल प्रयास में लगा रहता है।
इसी कड़ी में गत शुक्रवार को राज्यसभा सदस्य की दिग्विजय सिंह ने सभी मंत्रियो को एक पत्र लिखा और उसे सोशल मीडिया पर वायरल भी कर दिया। इस पत्र के जरिए दिग्विजय सिंह खबरों की सुर्खियों में छा गए पर प्रदेश के राजनीतिक वीथिकाओं में नई बहस छिड़ गई कि क्या पर्दे के पीछे कमलनाथ सरकार को दिग्विजय सिंह चला रहे है घ् इसके पहले भी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव लगातार यह आरोप लगाते आ रहे है कि प्रदेश में सरकार कमलनाथ नही चला रहे है, बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर्दे के पीछे सरकार चला रहे है। गत शुक्रवार को दिग्विजय सिंह द्वारा मंत्रियो को लिखे पत्र से विपक्ष के आरोपों को और बल मिला है।
माननीया, आपको यह भी अवगत कराना उचित होगा कि, व्यापम घोटाला, ई-टेडरिंग घोटाला, वृक्षारोपण घोटालो को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखे किंतु वे सिंहस्थ घोटाले को लेकर किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाते है, क्यों घ् दरअसल सिंहस्थ घोटाले से संबंधित विभाग दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह के पास है। उनके पुत्र एवं नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह ने विधानसभा में कांग्रेस विधायक के सिंहस्थ घोटाले से संबंधित सवाल के उत्तर में कहा कि सिंहस्थ घोटाला नहीं हुआ। जबकि विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने सिंहस्थ घोटाले को बड़ा मुद्दा बनाया था।
माननीया, मंत्री अपने मुख्यमंत्री के प्रति उत्तरदायित्व होता है। दिग्विजय सिंह एक राज्य सभा सदस्य है। वे पत्र लिखकर मंत्रियों से ट्रांसफर-पोस्टिंग का हिसाब ले रहे है, जो अनुचित है। ऐसे में तो अन्य सांसद, राज्यसभा सदस्य और नेतागण भी मंत्रियों को लिखे पत्रों का हिसाब-किताब लेना शुरू कर देंगे। यदि यह परम्परा पड़ गयी तो मंत्री सरकारी कामकाज और जनहितैषी योजनाओं को क्रियान्वयन कैसे कर पाएंगे।
(उमंग सिंघार)