दमोह सांसद प्रहलाद पटेल ने एक बार फिर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और छिंदवाड़ा के सांसद कमलनाथ की जाति का मुद्दा उठाकर इस मामले को फिर से हवा दे दी है। दरअसल काफी सालों से कमलनाथ के मूल स्थान उनके परिवार और जाति को लेकर सवाल उठते रहे हैं। खुद उनके संसदीय क्षेत्र छिंदवाड़ा के लोगों को भी नहीं पता है कि 1980 में छिंदवाड़ा आने से पहले कमलनाथ कहां रहते थे और उनके रिश्तेदार कहां रहते हैं और उनकी जाति क्या है। दरअसल सीएम कमलनाथ भी जाति से संबंधित सवालों को टाल जाते हैं। हाल ही में कमलनाथ के सीएम बनने पर उत्तर प्रदेश के बरेली के पास अतरछेड़ी नाम के गांव में जश्न मनाया गया था और बताया गया था कि कमलनाथ के पूर्वज यानी उनके दादा और पिता इसी गांव में पले बढ़े और फिर कोलकाता में जाकर बस गए। अगर गांव वालों की मानें तो इस गांव में मुख्य रूप से कायस्थ और स्वर्णकार जाति के लोग रहते थे। लोगों का कहना है कि कमलनाथ के दादा केदारनाथ का गहनों का कारोबार था इस लिहाज के कमलनाथ स्वर्णकार जाति के हो सकते हैं। हालांकि कुछ लोग कमलनाथ की जाति पंजाबी खत्री बताते हैं। कमलनाथ के कुछ रिश्तेदार पंजाबी हैं जिसके कारण यह बात भी सच्ची प्रतीत होती है। एक और थ्योरी कमलनाथ की जाति को लेकर कही जाती है वह यह है कि कमलनाथ के साथ ही उनके पिता महेंद्र नाथ और दादा केदारनाथ के नाम में नाथ शब्द जुड़ा है इसलिए कमलनाथ के नाथ संप्रदाय के होने की बात कही जा रही है। दमोह सांसद प्रहलाद पटेल का उठाया गया सवाल कितना जायज है ये तो पता नहीं लेकिन न तो खुद कभी सीएम कमलनाथ ने अपनी जाति को लेकर कोई खुलासा किया और न ही उनके संबंध में तमाम स्रोतों पर उपलब्ध जानकारियों में ही उनकी जाति को लेकर कोई जानकारी दी गई है। छिंदवाड़ा में भी किसी को अपने नेता के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।