लगता है कर्नाटक और गोवा में हुए हाल के राजनैतिक घटनाक्रम का डर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी सता रहा है। शायद यही कारण है कि सीएम कमलनाथ ने 17 जुलाई को एक बार फिर अपनी पार्टी के विधायकों और सरकार को समर्थन दे रहे सपा, बसपा और निर्दलीय विधायकों की बैठक बुलाई है। कमलनाथ सरकार की चिंता और डर का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि 11 दिन में विधायकों की यह तीसरी बैठक होगी। आपको बता दें कि कर्नाटक में सत्ताधारी जनता दल एस और कांग्रेस के गठबंधन के एक दर्जन से ज्यादा विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है जिसके कारण सरकार पर खतरा बढ़ गया है। वहीं गोवा में भी कांग्रेस के दस विधायक बीजेपी में शामिल हो गए हैं। मध्यप्रदेश में बीजेपी के नेता लगातार कमलनाथ सरकार को गिराने की धमकियां देते रहते हैं जिसको लेकर सीएम कमलनाथ अतिरिक्त सतर्कता बरत रहे हैं। जानकारी मिली है कि हर मंत्री को विधायकों पर नजर रखने की जिम्मेदारी भी दी गई है। वहीं बार-बार विधायकों की बैठक बुलाकर एकजुटका का संदेश देने की कोशिश भी हो रही है। सरकार को ये भी डर है कि विधानसभा में बजट पर चर्चा के बाद विपक्षी बीजेपी के लोग फ्लोर टेस्ट की मांग कर सकते हैं इसलिए उससे पहले विधायक दल की बैठक बुलाकर रणनीति बनाई जाएगी। सीएम ने सभी विधायकों को सदन में मौजूद रहने का व्हिप भी जारी किया है।