मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मौजूदा मुख्यमंत्री कमलनाथ को 31 मार्च को चिट्ठी लिखी थी। जिसमें में शिवराज ने कमलनाथ से स्वाइन फ्लू की रोकथाम नहीं करने पर शिकायत की थी। साथ ही शिवराज ने कमलनाथ से आग्रह किया था कि प्रदेश के लोगों को स्वाइन फलू से बचाने के लिए जरूरी व्यवस्थाएं करें। और प्रदेश में स्वाइन फ्लू को फैलने से रोकें।
जिसके जवाब में कमलनाथ ने सोमवार को शिवराज को जवाब देते हुए पत्र लिखा…..कमलनाथ लिखते है की
शिवराज सिंह चौहान जी ,
पूर्व मुख्यमंत्री ,
मध्यप्रदेश
नमस्कार ।
आपका घातक बीमारी स्वाइन फ्लू पर 31 मार्च 2019 को लिखा पत्र प्राप्त हुआ।आपने इस पत्र में लिखा है कि मौसम के परिवर्तन के कारण स्वाइन फ्लू प्रतिवर्ष फैलता है।
यह सही है पिछले कुछ वर्षों में मौसम में परिवर्तन के कारण मध्यप्रदेश सहित अन्य कई राज्यों में यह घातक बीमारी तेजी से फैल रही है।
आपने पत्र में लिखा है कि हमारी सरकार ने इस घातक बीमारी को रोकने के लिए आवश्यक कदम गंभीरता से नहीं उठाएं।अस्पतालों में उचित प्रबंध नहीं किये।
आपके इस पत्र द्वारा लगाये गये आरोपो से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि शायद यह बीमारी कांग्रेस की क़रीब तीन माह की सरकार के आने के बाद ही सामने आई है और उसके बाद ही शायद ज्यादा फैली है।
आपके उक्त आरोपो के बाद आपको कुछ जानकारी देना ज़रूरी हो गया है।वेसे तो यह बीमारी प्रदेश के कई हिस्सों में फैली है लेकिन इंदौर -भोपाल में यह बीमारी पिछले कुछ वर्षों से सबसे ज्यादा फैली है।
आईसीएमआर द्वारा प्रदेश में चार स्थानों पर वायरोलॉजी लैब की स्वीकृति दो वर्ष पूर्व दी गई थी लेकिन मुझे जब जानकारी मिली कि 2 वर्ष बाद भी इंदौर में वायरोलॉजी लैब के निर्माण का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है।जिसके कारण इंदौर में संक्रमित मरीजों के सैंपल जांच के लिए या तो भोपाल एम्स या फिर जबलपुर की आईसीएमआर की लैब में जाँच के लिये भेजे जा रहे हैं।जिससे जांच रिपोर्ट में देरी के कारण ,उपचार के अभाव में कई मरीजों की मौत हो रही है।तो मैंने 21 फरवरी 2019 को इस मामले में अधिकारियों को निर्देशित किया कि इंदौर में तत्काल वायरोलॉजी लैब का कार्य प्रारंभ करें व स्वाइन फ़्लू की जाँच इंदौर में ही हो , यह सुनिश्चित करे।
वायरोलॉजी लैब के निर्माण का कार्य इंदौर में 25 फ़रवरी से ही प्रारंभ हो चुका है।आगामी 4 माह में लैब बनकर तैयार हो जायेगी।
मैंने उसी दिन प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग से जुड़े तमाम अधिकारियों को भी निर्देशित किया था कि इस बीमारी की रोकथाम के लिए तत्काल कड़े आवश्यक कदम उठाये जाये।किसी संसाधन की आवश्यकता हो तो बताएं, सरकार तुरंत उपलब्ध कराएगी।
मैं इस घातक स्बीमारी को लेकर किसी पर भी दोषारोपण नहीं करना चाहता हूं और ही ना कोई आरोप-प्रत्यारोप करना चाहता हूं।यह मौसम के परिवर्तन के कारण फैलने वाली बीमारी है।
वर्ष 2017 में 94 दिन में 111 मरीजों की इस बीमारी से अकाल मृत्यु हुई थी और 647 मरीज इस बीमारी से ग्रसित पाए गए थे।ऐसा उस समय के जिम्मेदार स्वास्थ्य अधिकारियों ने जानकारी देकर बताया था।
अभी हाल ही में फरवरी 2019 में एनसीडीसी की रिपोर्ट में भी इस बीमारी के कारण सर्वाधिक मृत्यु राजस्थान व गुजरात में होना बताया गया था।
हमारी सरकार इस बीमारी के रोकथाम के लिए समुचित कदम उठा रही है।मैं स्वयं इस बीमारी के फैलने से चिंतित हूँ।
वेसे हमारी सरकार को बने अभी क़रीब तीन माह ही हुए है।पिछले कई वर्षों से बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने में हमारी सरकार मुस्तैदी से जुटी हुई है।हमारे प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पिछले कई वर्षों से किसी से छिपी नहीं थी।हमारी सरकार लोगों को बेहतर व उच्चस्तरीय इलाज मिले , इसको लेकर दृढ़ संकल्पित है व इसको लेकर सभी ज़रूरी व आवश्यक क़दम उठा रही है।
कमलनाथ
मुख्यमंत्री