लोकसभा चुनाव आते ही सभी पार्टियां MP का सबसे बड़ा वोट बैंक माने जाने वाले आदिवासी समुदाय को साधने में जुट गई हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस ने आदिवासी विकास परिषद का सम्मेलन आयोजित किया जिसमें प्रदेश भऱ के आदिवासी नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। इसी कार्यक्रम में नाराज आदिवासी विधायक पाचीलाल मेड़ा भी पहुंचे जिन्हें मनाने के लिए कमलनाथ ने उनसे बंद कमरे में चर्चा की थी। हालांकि हम बात कर रहे हैं कमलनाथ के भाषण की जिसमें उन्होंने कहा कि आदिवासियों ने साइकिल चलाना सीख लिया, मोटर साइकिल भी चलाना सीख लिया लेकिन मुंह चलाना नहीं सीखा। इसके बाद कमलनाथ ने पाचीलाल मेड़ा से कहा क्यों भाई पांचीलाल जी, और पांचीलाल जी मुस्कुराकर रह गए। कमलनाथ ने कहा कि जब तक आदिवासी मुंह चलाना नहीं सीखेंगे उनका कुछ भला नहीं होगा और उनको हक नहीं मिलेगा।
बाइट- कमलनाथ
वीओ- यानी कमलनाथ जी के इस बयान से ये मान लिया जाए कि प्रदेश के आदिवासी विधायक या सांसदों को भी कांग्रेस में बगैर मुंह चलाए कुछ नहीं मिलने वाला। वैसे जयस के आदिवासी नेता हीरालाल अलावा काफी दिनों से आदिवासियों के लिए लोकसभा का टिकट मांग रहे हैं उन्हें तो अभी तक नहीं मिला। अब देखना है कि कमलनाथ की बातों को मानकर कितने आदिवासी नेता कांग्रेस में अपने हक के लिए मुंह चलाते हैं और उनके मुंह चलाने पर कांग्रेस से उन्हें क्या मिलता है।