फिल्मों सितारों का राजनीति में प्रवेश काफी पहले से होता आ रहा है। अब तो संसद के दोनों सदनों में फिल्मी सितारों की भरमार है। कई फिल्मी सितारों ने पॉलिटिक्स में सफलता के ऊंचे मुकाम हासिल किए तो कुछ का सियासी सफर लंबा नहीं रहा। हम आपको बताने जा रहे हैं फिल्मों से राजनीति में आए कुछ चुनिंदा फिल्मी सितारों के बारे में..
शुरुआत साउथ से करते हैं
MG रामचंद्रन
MG रामचंद्रन यानी कि मारुदुर गोपालन रामचन्द्रन को MGR के नाम से भी जाना जाता है। तमिल फिल्मों से राजनीति में आए MGR 1977 से लेकर 1987 तक लगातार दस सालों तक तामिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे।
NT रामाराव
नन्दमूरि तारक रामाराव यानी NT रामा राव तेलुगू फिल्मों के अभिनेता, निर्देशक और निर्माता थे। उन्होने तेलुगु देशम पार्टी की स्थापना की और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
जे जयललिता
तमिल फिल्मों की लोकप्रिय अभिनेत्री रहीं जयललिता ने तेलुगू, कन्नड और एक हिंदी तथा एक अँग्रेजी फिल्म में भी काम किया है। वे ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम यानी अन्ना द्रमुक से जुड़ी थीं। जयललिता कई सालों तक तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं।
रजनीकांत
दिसंबर 2017 में रजनीकांत ने अपनी पार्टी रजनी मंदरम का एलान किया था। लेकिन उनकी पार्टी 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रही है। रजनीकांत ने दूसरी पार्टियों को भी उनके प्रचार में अपने नाम का इस्तेमाल नहीं करने को कहा है।
चिरंजीवी
तेलुगु फिल्मों के सुपरस्टार चिरंजीवी ने 2008 में प्रजा राज्यम पार्टी का गठन किया था। रीजनल पार्टी के रूप में इसकी शुरुआत बेहतर रही और 2009 के विधानसभा चुनाव में प्रजा राज्यम को अठारह सीटों पर जीत मिली। चिरंजीवी भी तिरुपति से जीते। 2011 में उन्होंने कांग्रेस संग गठजोड़ किया।
कमल हासन
तमिल, तेलुगु हिंदी सहित कई भाषाओं की फिल्मों में काम कर चुके कमल हासन ने फरवरी 2018 में मक्कल नीधि मय्यम यानी लोक न्याय केंद्र पार्टी की स्थापना की। 2019 के लोकसभा चुनावों में उनकी पार्टी नहीं लड़ रही है लेकिन उन्होंने अंडमान-निकोबार की एकमात्र सीट के लिए तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है।
विजयाशांति
तमिल, तेलुगु, मलयालम, हिंदी सहित कई भाषाओं की फिल्मों में काम कर चुकी विजयाशांति आंध्र प्रदेश के मेढक से TRS पार्टी की सांसद हैं। विजयाशांति ने 2004 में राजनीति में कदम रखा था।
अब बात करते हैं हिंदी फिल्मों के फेमस एक्टर और एक्ट्रेसेस की। सबसे पहले बात सदी के महानायकअमिताभ बच्चन की
अमिताभ बच्चन
राजनीति में दिलचस्पी नहीं होने के बावजूद अभिताभ ने अपने बचपन के दोस्त रहे राजीव गांधी के कहने पर 1984 में इलाहाबाद से लोकसभा का चुनाव लड़ा और यूपी के पूर्व सीएम एच एन बहुगुणा को हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। हालांकि बोफोर्स कांड में नाम आने के बाद उन्होंने राजनीति को अलविदा कह दिया। बीच में अमर सिंह के कारण समाजवादी पार्टी के साथ उनकी निकटता बढ़ी थी लेकिन अब वो राजनीति से बिलकुल दूर हैं।
सुनील दत्त
हिंदी फिल्मों के मशहूर एक्टर सुनील दत्त 1984 में मुंबई उत्तर पश्चिम सीट से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़कर संसद पहुंचे थे। सुनील दत्त यहां से लगातार पांच बार सांसद रहे। उनके निधन के बाद बेटी प्रिया दत्त को यह सीट विरासत में मिली जो इस वक्त कांग्रेस की सांसद हैं। सुनील दत्त यूपीए सरकार में युवा एवं खेल मामलों के कैबिनेट मंत्री भी थे।