भारत की आजादी के लिए लड़ने वाले चंद्रशेखर आजाद या भगत सिंह क्या आतंकवादी हैं. शायद उन्हें ये नाम देने पर लोगों का खून खौलने लगे. लेकिन मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार की नाक के नीचे कुछ ऐसा ही प्रसारित किया जा रहा है. मामला ग्वालियर स्थित जीवाजी यूनिवर्सिटी का हैं जहां एग्जाम्स जारी है. यहां पॉलीटिकल फिलासफी के पेपर में ये सवाल पूछा गया. जिसमें लिखा था कि क्रांतिकारी आतंकवादियों के कार्यकलाप का वर्णन कीजिए, उग्रवाद और क्रांतिकारी आतंकवाद में क्या अंतर है. इस सवाल के बाद कुछ विद्यार्थी भड़क गए और आपत्ति भी दर्ज करवाई. दरअसल क्रांतिकारी उन्हें कहा जाता है जो आजादी के लिए लड़े जिसमें प्रमुख नाम भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद का ही है. इन्हें आतंकवादी कहने पर बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लुणावत ने भी ट्वीट कर नाराजगी जाहिर की है.