क्या गुल खिलाएगी बाबू और बाबा की जुगलबंदी

पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया ने पूर्व सीएम बाबूलाल गौर के निवास पर पहुँचकर बाबूलाल गौर से मुलाकात की। मुलाकात के बाद कुसमरिया ने कहा कि लोकसभा चुनाव को लेकर प्रदेश में स्थिति ठीक नहीं है। और पार्टी की तैयारी अभी आधी अधूरी है। वहीं पार्टी में सम्मान नहीं मिलने की वजह से बुजुर्ग नेता एकजुट हो रहे हैं। जिसका लोकसभा चुनाव पर गहरा असर पड़ेगा। जबकि कुसमरिया का कहना है कि हम तो योद्धा है बाजू हाथ फड़कते है, हथियार नहीं डाले हैं। वहीं गौर ने कहा है कि सर्वे में नाम होने के बाद भी कुसमरिया जैसे कई वरिष्ठ नेताओं को टिकट नहीं दिया गया। माना जा रहा है कि बाबाजी यानी कुसमारिया और बाबूजी यानी बाबूलाल गौर की ये मुलाकात लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी पर दबाव बनाने की रणनीति है। वहीं सियासी हलकों में भी चर्चा है कि भाजपा के बुजुर्ग नेताओं ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इन दोनों नेताओं का कहना है कि पार्टी में वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी की जा रही है।

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