मध्यप्रदेश विधानसभा में इस बार काफी रोचक समीकरण दिखाई दे रहे हैं। जानकारी के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी भी विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार उतार सकती है। वहीं अगर फ्लोर टेस्ट हुआ तो भाजपा निर्दलीय और अन्य विधायकों के जरिए कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी करने की फिराक में है। राजनैतिक जानकारों का कहना है कि शुरू के दो दिन यानी 7 और 8 जनवरी को नवनिर्वाचित विधायकों की शपथ होगी और उसके बाद असल चुनौती शुरू होगी।