मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से चालू हो गया है। इस सत्र के लिए कांग्रेस और बीजेपी ने अपनी-अपनी रणनीतियां बना ली हैं। काफी अरसे से बीजेपी के नेता प्रदेश सरकार गिराने के दावे कर रहे थे और आशंका जताई जा रही है कि बीजेपी कभी भी फ्लोर टेस्ट की मांग कर सकती है। इसके अलावा सदन में किसी विधेयक पर डिवीजन भी मांग सकती है, जिस पर वोटिंग की संभावना बन सकती है। इसके लिए सीएम कमलनाथ ने अपने सभी विधायकों को अनिवार्य रूप से सदन में मौजूद रहने की हिदायत दी है। सूत्रों के मुताबिक सीएम हाउस में हुई कांग्रेसी विधायकों की बैठक में सीएम कमलनाथ ने सभी विधायकों को निर्देश दिए हैं कि सदन की घंटी बजने तक विधायक सदन के अंदर आ जाएं। दरअसल जिस तरह से कर्नाटक में हालात बने हैं उसके बाद कांग्रेस एमपी में भी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। कांग्रेस के पदाधिकारी अपने विधायकों के अलावा निर्दलीय और सपा-बसपा के विधायकों पर भी कड़ी निगाह रखे हुए हैं।