कांग्रेस में हो न हो , फिलहाल बीजेपी में ये जुमला बड़ा ट्रेंड कर रहा है कि 84 के फेर में सिंधिया यानि कि कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की चांदी होगी. अगर आप इस संख्या का रहस्य न समझें हो तो इसे पूरा सुन लीजिए 84 से यहां मतलब है 1984. यानि वो साल जब देश सिक्ख विरोधी दंगों की आग में झुलस रहा था. और इस आग को भड़काने में एक नाम मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का भी शामिल है. और बीजेपी जोरशोर से इस प्रचार में जुटी है कि इस मामले के चक्कर में बहुत जल्द कमलनाथ की कुर्सी जाएगी. और जब कुर्सी जाएगी तो वो ज्योतिरादित्य सिंधिया के हाथ आएगी. पर इस जुमले में कितनी हकीकत ये तो नहीं कहा जा सकता. वो इसलिए क्योंकि कांग्रेस आलाकमान ने अब तक प्रदेशअध्यक्ष के तौर पर सिंधिया के नाम पर मोहर नहीं लगाई है. ऐसे में ये तो और भी मुश्किल है कि कमलनाथ की गद्दी उन्हें सौंपी जाए. दूसरी बात ये कि फिलहाल ऐसे कोई हालात ही नजर नहीं आ रहे कि कमलनाथ की कुर्सी जाए और फायदा सिंधिया को हो जाए. यानि ये कहा जा सकता है कि ये सिर्फ बीजेपी की बनाई हवा है और कुछ नहीं. जो कुछ सियासत का रूख बदलने की कोशिश करेगी और फिर थम जाएगी.