एक तरफ राजगढ़ कलेक्टर नागरिकता कानून के समर्थन में रैली कर रहे भाजपा समर्थकों पर चांटा मारकर सुर्खियों में आ गईं हैं… वहीं दूसरी तरफ प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी तीन दिन से CAA के विरोध में भारत टाकीज चौराहे पर रोड जाम कर धरना दिया जा रहा है… अब इसमें कमलनाथ का दोहरा चरित्र साफ नजर आता है कि एक तरफ समर्थन की रैली को जिसमें सभी अनुमतियां लीं गईं थीं… उसे बलपूर्वक रूकवाया गया… वहीं दूसरी ओर कमलनाथ की नाक के नीचे ही राजधानी में विरोध के सुर फूटने पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती…. आपको बता दें कि भोपाल का भारत टाकीज चौराहा शहर के व्यस्ततम चौराहों में से एक है… जिसकी एक सड़क प्रदर्शनकारियों ने जाम कर रखी है… यदि प्रदर्शन की अनुमति देना ही था तो दोनों शहरों में एक जैसी देते एक तरफ बलपूर्वक दमन और दूसरी तरफ विरोधियों को राजधानी की सबसे ज्यादा चलने वाली सड़क विरोधियों के हवाले करना… कमलनाथ के पूरे पूरे दो तरफा कार्रवाई की ओर इशारा करती है