Loksabha Election 2019- क्या BJP की मुसीबत बढ़ा रही हैं साध्वी प्रज्ञा?

इतिहास गवाह है कि BJP से जुड़े या उसकी विचारधारा को समर्थन देने वाले अधिकांश साधु-संतों-साध्वियों के बिगड़े बोलों के कारण पार्टी को परेशानी का सामना करना पड़ा है। चाहे वो साध्वी ऋतंभरा हों, साध्वी उमा भारती हों, साध्वी प्राची हों, साक्षी महाराज हों या ताज़ातरीन मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर। फिलहाल बात साध्वी प्रज्ञा की हो रही है। बीजेपी में शामिल होते ही और भोपाल से उम्मीदवार बनते ही साध्वी प्रज्ञा ने पहला विवादित बयान शहीद हेमंत करकरे को लेकर दिया था जिस पर बवाल मचने के बाद BJP ने उस बयान को साध्वी का व्यक्तिगत बयान बताया और पल्ला झाड़ते हुए खुद भी सफाई दी और साध्वी से भी माफी मंगवाई। मतदान के अंतिम चरण से पहले फिर साध्वी ने गोडसे को देशभक्त बताने वाला बयान दिया हालांकि BJP ने इस बार देर नहीं की और तुरंत साध्वी के बयान से पल्ला झाड़ा, अपनी सफाई दी और साध्वी से माफी भी मंगवाई। अब सुना जा रहा है कि साध्वी को अंतिम चरण के चुनाव प्रचार से दूर रखा जा रहा है और इसीलिए बुरहानपुर में उनका रोड शो भी कैंसिल कर दिया गया है। सवाल ये उठ रहा है कि भोपाल जैसी बीजेपी का गढ़ मानी जाने वाली सीट पर बीजेपी ने किस स्ट्रेटिजी के तहत साध्वी को पार्टी में शामिल करके उम्मीदवार बनाया था ? भले ही शिवराज या उमा भारती ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था उसके बावजूद भोपाल सीट के लिए बीजेपी के पास तमाम योग्य उम्मीदवार थे जो दिग्विजय सिंह को न सिर्फ टक्कर दे सकते थे बल्कि सीट जिता भी सकते थे लेकिन इसके बावजूद साध्वी को पार्टी में शामिल करवाकर टिकट दिया गया। अब यही साध्वी अपने विवादित बयानों से पार्टी की मुसीबत बढ़ा रही हैं। बीजेपी के ही कई वरिष्ठ नेता साध्वी प्रज्ञा को पार्टी में शामिल किए जाने, टिकट देने और अब उसके विवादित बयानों के कारण नाराज़ हैं। इनका कहना है कि पार्टी हर विवादित बयान को उनका व्यक्तिगत बयान बताकर पल्ला नहीं झाड़ सकती, अगर पार्टी अपने किसी सदस्य के बयानों से इत्तेफाक नहीं रखती है या वह सदस्य पार्टी की विचारधारा या पार्टीलाइन की समझ नहीं रखता है और पार्टी लाइन से बाहर जाकर बयान देता है तो उसे पार्टी में रखने का कोई तुक नहीं है। वैसे सुना जा रहा है कि BJP भी वेट एंड वाच की स्थिति में है, अगर साध्वी प्रज्ञा भोपाल सीट निकाल लेती हैं तो उनकी गलतियां माफ हो जाएंगी नहीं तो उन्हें पार्टी में साइड लाइन करने में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।

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