मध्यप्रदेश की रायगढ़ लोकसभा सीट वैसे तो कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह और उनके परिवार का गढ़ मानी जाती है लेकिन पिछले चुनाव में बीजेपी को यहां से भारी मतों से जीत मिल चुकी है। इस सीट से फिलहाल बीजेपी के रोडमल नागर सांसद हैं। हालांकि दिग्विजय सिंह इस सीट से 2 बार और उनके भाई लक्ष्मण सिंह 5 बार सांसद रह चुके हैं। लक्ष्मण सिंह 4 बार कांग्रेस की ओर से और एक बार बीजेपी की ओर से राजगढ़ के सांसद रहे हैं। दोनों ही भाई एक-एक बार यहां से चुनाव हार भी चुके हैं। वर्तमान परिदृश्य की बात करें तो रोडमल नागर के सामने कांग्रेस ने मोना सुस्तानी को टिकट दिया है जो पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। हालांकि दिग्विजय सिंह के गुट से होने के कारण मोना सुस्तानी रोडमल नागर को कड़ी टक्कर देती नजर आ रही हैं। कांग्रेस के वोट काटने वाली बहुजन समाज पार्टी की उम्मीदवार ने अपना नामांकन वापस ले लिया है जिसके कारण मोना सुस्तानी की स्थिति और भी मजबूत नजर आ रही है, वहीं प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने से इलाके के कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मॉरल हाई है। अगर सांसद रोडमल नागर की बात करें तो पिछली बार वे इस सीट से 2 लाख से ज्यादा मतों से जीते थे लेकिन इस बार उनकी जीत अगर हुई तो आंकड़ा काफी नीचे गिर सकता है। रोडमल नागर के फेवर में बात ये है कि चूंकि मोना सुस्तानी का इलाके में बहुत ज्यादा जनाधार नहीं है और वे सिर्फ दिग्विजय सिंह के नाम पर ही चुनाव लड़ रही हैं। दिग्गी राजा खुद भोपाल से चुनाव लड़ रहे हैं तो इलाके के अधिकांश कांग्रेसियों ने भोपाल में डेरा डाला हुआ है या दिन भर भोपाल में दिग्विजय सिंह के लिए प्रचार करने पहुंच जाते हैं। मोना सुस्तानी ने विधानसभा का टिकट मांगा था और तैयारी भी उसी हिसाब से की थी लेकिन उन्हें लोकसभा का टिकट मिल गया और स्थिति ये है कि राजगढ़ लोकसभा में ब्यावरा या आसपास के इलाकों को छोड़ दें तो मोना सुस्तानी बीनागंज, चाचौड़ा सहित कई इलाकों में अभी तक प्रचार के लिए पहुंच ही नहीं पाई हैं। वैसे दिग्विजय सिंह भी मोना सुस्तानी को जिताने के लिए इलाके में प्रचार कर रहे हैं लेकिन उनकी खुद की सीट पर भी उन्हें टक्कर मिल रही है इसलिए यहां कम समय दे पा रहे हैं। कुल मिलाकर राजगढ़ लोकसभा सीट पर रोडमल नागर और मोना सुस्तानी के बीच कड़ा मुकाबला नजर आ रहा है।