भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी की उम्मीदवार बनाई गईं साध्वी प्रज्ञा को उनकी ज़बान के कारण हार का सामना करना पड़ सकता है। ये हम नहीं कह रहे बल्कि साध्वी के साथ रोजाना जनसंपर्क में जा रहे बीजेपी के कार्यकर्ताओं का व्यक्तिगत अनुभव है। नाम नहीं बताने की शर्त पर कुछ बीजेपी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने न्यूज लाइव को बताया है कि साध्वी प्रज्ञा को बीजेपी का पैराशूट उम्मीदवार बनाए जाने से वैसे ही समर्पित कार्यकर्ताओं में नाराजगी है लेकिन उसके बाद साध्वी का अभद्र व्यवहार उन्हें और भी नाराज कर रहा है। स्थिति ये है कि बीजेपी और संघ से जुड़े कई बड़े नेताओं ने भी साध्वी प्रज्ञा के चुनाव प्रचार से कन्नी काट ली है। खुद उमा भारती साध्वी प्रज्ञा को लेकर अपनी राय जाहिर कर चुकी हैं हालांकि उन्होंने बाद में उस पर सफाई दी थी। लोगों का कहना है कि साध्वी प्रज्ञा खुद को टिकट मिलने के बाद से ही हवा में उड़ रही हैं और बीजेपी के गढ़ में जीता हुआ मान रही हैं। यही कारण है कि वे बीजेपी के बाकी पदाधिकारियों और साधारण कार्यकर्ताओं को तो कुछ समझ ही नहीं रहीं और बात-बात में झिड़कना या धमकाना उनकी आदत में शुमार है। सूत्रों की मानें तो शुरुआत में जो सहानुभूति की लहर साध्वी के पक्ष में बनी थी वह भी अब गायब हो गई है और पार्टी के कार्यकर्ता साध्वी के लिए बेमन से काम कर रहे हैं जिसके चलते बीजेपी को ये सीट गंवानी भी पड़ सकती है।