महाराज हैं तो कुछ भी करेंगे. वो सत्ता में हों या न हों. अपनी रियाया का विश्वास जीत कर चुनाव जीत सकें हो न जीत सकें हों लेकिन भई महाराज हैं वो कुछ भी कर सकते हैं. संविधान की हर शर्त को दरकिनार करने की ये हिमाकत हमारी नहीं है. ये तो मध्यप्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा का कहना है. दिग्विजय के कट्टर समर्थक पीसी शर्मा ने कुछ इसी अंदाज में महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया का बचाव किया है.इन दिनों ज्योतिरादित्य सिंधिया खासे एक्टिव हैं. कभी वो ग्वालियर में हो रही सरकारी बैठकों का हिस्सा बनते हैं तो कभी अपने महल में ही कलेक्टर और अन्य अधिकारियों को तलब करते हैं. और बैठक करते हैं. ठीक है प्रदेश में सरकार कांग्रेस की है. पर शायद सिंधिया ये भूल जाते हैं कि उनके पास पार्टी में प्रदेश से जुड़ा कोई पद नहीं है और न ही वो क्षेत्र के सांसद ही बचे हैं. सिंधिया के इस अंदाज पर बीजेपी का ये सवाल तो बनात ही है कि प्रदेश में किसकी सरकार, सिंधिया या कमलनाथ.