इस बार मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनावों में सड़क, पानी, बिजली, विकास जैसे मुद्दे गौण हैं और असली मुद्दा किसान कर्ज माफी ही है। खुद सीएम कमलनाथ ने ट्वीट करके ये बात स्वीकार की है। कमलनाथ ने ये भी माना है कि किसानों के खाते में राशि आना बाकी है। दरअसल पिछले कई दिनों से प्रदेश की राजनीति में किसान कर्जमाफी के मुद्दे ने बवाल मचाया हुआ है। बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने मे तुले हुए हैं। मामला एक दूसरे के नेताओं के व्यक्तिगत स्तर तक पहुंच गया है। सीएम कमलनाथ ने अपने ट्वीट में इस बात का भी जिक्र किया है कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने स्वीकार किया है कि उनके भाई का कर्ज माफ हुआ है। हालांकि शिवराज बार-बार ये आरोप लगा रहे हैं कि प्रदेश में किसी किसान का कर्ज माफ नहीं हुआ है और सरकार ने जो कागज पेश किए हैं उनमें किसी भी बैंक का कर्ज माफी का सर्टिफिकेट शामिल नहीं है। अब देखना है कि किसान कर्ज माफी का मुद्दा लोकसभा में किस पार्टी को कितना फायदा पहुंचाता है।