मध्यप्रदेश में चंद दिनों पहले कांग्रेस सरकार को चुटकियों में गिराने का दावा करने वाले बीजेपी के धुरंधर नेता अब खुद को बचाने की जुगत में लगे हैं। यहां तक कि पार्टी के विधायकों की संख्या भी घटने के आसार नजर आ रहे हैं और बीजेपी के जो नेता बार-बार कमलनाथ की सरकार गिराने के बयान दे रहे थे वो अब इस कोशिश में लगे हैं कि पार्टी के कुछ और विधायक टूट कर कांग्रेस से न मिल जाएं। यही नहीं कुछ नेताओं के खिलाफ कमलनाथ सरकार ने ईओडब्लू जैसी संस्थाओं को लगा दिया है जिसके बाद वो अब अपने बचाव के रास्ते खोजने में जुट गए हैं। पहले जहां बीजेपी के नेता शेर बनकर कमलनाथ सरकार को गिराने के बयान दे रहे थे और कमलनाथ सरकार के मंत्री बैकफुट में आकर बचाव में बयान देते थे वहीं अब पांसा पलट गया है और कमलनाथ के मंत्री शेर हो गए हैं और जब चाहे बीजेपी के दस-पंद्रह विधायकों को तोड़ लेने की धमकी देने लगे हैं और बीजेपी के नेता डिफेंसिव बयानबाजी में लगे हैं। मंत्री नहीं बनाने पर समर्थन वापसी की धमकी देने वाले निर्दलीय और कांग्रेस के विधायकों के मुंह भी पिछले कई दिनों से बंद हैं। लगता है कमलनाथ के एक ही दांव ने सबको ठिकाने लगा दिया है।