MP में दिग्विजय सिंह vs उमंग सिंघार, दोनों के बीच Letter War

कांग्रेस में गुटबाजी और आपसी कलह का पुराना रिकॉर्ड है। सत्ता में आने के बाद ये गुटबाजी और कलह ज्यादा ही बढ़ गई है। वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मंत्रियों पर कमेंट किया, सज्जन वर्मा ने कहा कि दिग्विजय सिंह मंत्रियों को सिखाएं, विपक्षी नेताओं ने सरकार और उसके मंत्रियों को नौसिखिया बता दिया इसके बाद दिग्गी को सफाई देने में सरकार जुटी, लेकिन उमंग सिंघार को बुरा लग गया और उन्होंने दिग्गी राजा को लेटर लिख दिया। अब बात करते हैं कि ये सारी बातें शुरू कहां से हुईं। तो बात ये है कि गृह विभाग ने मंदसौर मामले में लिखित जवाब देते हुए तत्कालीन अधिकारियों को क्लीन चिट दे दी, इसी कड़ी में वन विभाग ने नर्मदा किनारे हुए वृक्षारोपण पर क्लीन चिट दे दी। इससे दिग्गी राजा नाराज हो गए और कहा कि मंत्री पिछली सरकार को कैसे क्लीन चिट दे सकते हैं, दिग्गी राजा ने यह भी कहा कि मैं नर्मदा किनारे 3100 किमी पैदल चला हूं, मंत्री कितना पैदल चले हैं। फिर पूरी सरकार सफाई देने में जुट गई और कहा जाने लगा कि कोई क्लीन चिट नहीं दी गई है। वहीं बीच में सज्जन वर्मा का बयान आया कि मंत्रियों को सवाल पहले पढ़ लेना चाहिए और अपने विवेक का इस्तेमाल करें साथ ही ये भी कहा कि दिग्विजय सिंह को मंत्रियों को सिखाना चाहिए। इसी कलह किटकिट पर विपक्ष भी कूद पड़ा और पूर्व संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने प्रदेश के मंत्रियों को नौसिखिया बता दिया। इन सब बातों का उमंग सिंघार को बुरा लगा और उन्होंने पहले तो सज्जन वर्मा के बयान का जवाब दिया कि मैं पंद्रह सालों से विधायक हूं और कागज पढ़ना मुझे भी आता है फिर दन्न से दिग्गी राजा को लेटर लिख मारा और आरोप लगा दिया कि आपके बेटे जयवर्धन सिंह ने भी सिंहस्थ मामले में पूर्व सरकार को क्लीन चिट दी है मैने क्लीन चिट नहीं दी है और अगर आप बयान देने से पहले मुझसे बात कर लेते या विधानसभा के जवाब को पढ़ लेते तो ठीक रहता। अब स्थिति ये है कि दोनों ही नेता मीडिया के माध्यम से एक दूसरे को सवाल जवाब देने में जुटे हुए हैं-

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