नसरुल्लागंज में विश्व आदिवासी दिवस का आयोजन धूमधाम से निकाली गई रैली जगह जगह हुआ रैली का स्वागत
विश्व आदिवासी दिवस पर नसरुल्लागंज सहित प्रदेशभर में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। आदिवासी समाज द्वारा नसरुल्लागंज में शोभायात्रा निकाली गई। आदिवासियों द्वारा यह शोभायात्रा महक गार्डन से निकलकर सीहोर नाका, दुर्गा मंदिर चौराहे होते हुए पुनः गार्डन पहुंची।
शोभायात्रा में पारंपरिक वाद्य यंत्रों की थाप पर झूमते दिखे, पारंपरिक परिधानों में सजे आदिवासी युवक-युवती अपने पारंपरिक वाद्य यंत्रों और ढोल नगाड़े की थाप पर जमकर झूमे।
इस दौरान भव्य शोभयात्रा का स्वागत नगर परिषद अध्यक्ष अनीता राजेश लखेरा द्वारा अपने निज निवास पर किया। वही दुर्गा मंदिर चौराहे पर कांग्रेसियो द्वारा शोभायात्रा का भव्य स्वागत किया गया इस मौके पर क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ता व पदाधिकारी मौजूद थे।
इसके बाद महक गार्डन में कार्यक्रम का आयोजन किया, विश्व आदिवासी दिवस पर सन्तोष धुर्वे ने समाज के लोगो को सम्बोधित करते हुए कहा कि सर्व प्रथम आदिवासी दिवस 9 अगस्त 1984 को युनेस्को मे मनाया गया था।
भारत की तत्कालिन सरकारो ने आदिवासियो के साथ धोखा करते हुये भारतीय आदिवासियो के मौलिक अधिकारो का हनन किया। लेकिन सयुक्त राष्ट संघ के निर्देश पर 9 अगस्त 2016 से भारत मे आदिवासी दिवस का शुभारम्भ हुआ और मध्यप्रदेश मे 106 जातियो को सामिल किया गया है। जिसमे सबसे ऊपर गोंड जाति को राखा गया लेकिन मध्यप्रदेश मे अज्ञानता एवं शिक्षा के आभाव में गोंड जाति पिछड़ती चली गई।
और भी कई पदाधिकारीओ ने मंच से अपनी समाज के लोगों में जागरूकता लाने के लिए और अपने-अपने विचार वयक्त किये।