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ऐसा लगता है कि आने वाला राज्यसभा चुनाव, राजनीतिक दलों खासतौर से कांग्रेस के लिए मनहूस है. इस चुनाव के चक्कर में प्रदेश में अच्छी भली चल रही कांग्रेस सरकार गिरा दी गई. राज्यसभा जाने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रदेश में सियासी बवाल मचा दिया. इसके बाद कोरोना आया और राज्यसभा का चुनाव ही टल गया. सिंधिया के लिए न सही लेकिन कांग्रेस के लिए ये अच्छा वक्त था. चुनावी जोड़तोड़ करने के लिए कांग्रेस को पर्याप्त समय मिला. संख्याबल कम था लेकिन दूसरे दलों के नेताओं के साथ सियासी सांठगांठ कोशिश जारी रही. इस बीच खबर आई कि सिंधिया को ही कोरोना हो गया है. ये साफ हो गया कि अब सिंधिया इस चुनाव के लिए मौजूद नहीं रह सकेंगे. यहां तक भी ठीक था. पर अब जो खबर कमलनाथ को मिली है उसे सुनकर उन्हें एक बार फिर लगेगा कि नजदीक आ रहे ये राज्यसभा चुनाव उनके लिए कितने मनहूस हैं. कांग्रेस के विधायक कुणाल चौधरी कोरोना पॉजीटिव मिले हैं. जिसके बाद इस बात पर संशय है कि वो वोटिंग के लिए आ सकेंगे या नहीं. सिर्फ वही नहीं उनकी कॉन्टेक्ट हिस्ट्री में जितने लोग उन्हें क्वारेंटाइन किया जाएगा. जिसमें जीतू पटवारी और कांग्रेस के अन्य विधायक भी हो सकते हैं. ऐसे में पहले ही संख्या बल की कमी से जूझ रही कांग्रेस को राज्यसभा चुनाव में और मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.