राज्यसभा में मध्यप्रदेश के तीन सांसदो का कार्यकाल खत्म हो रहा है. संख्याबल के हिसाब से तय है कि दो सीटें तो कांग्रेस के ही खाते में जाएगी. एक सीट के लिए बीजेपी को जंग लड़नी है. जाहिर है इस काम के लिए मेहनत भी बहुत करनी है. कांग्रेस के विधायक तो मुट्ठी में आएंगे नहीं निर्दलीय विधायकों को ही साधना होगा. पर उससे पहले बीजेपी को अपने ही विधायकों की चिंता सताने लगी है. डर इस बात का है कि कहीं पिछली बार की तरह विधायक कांग्रेस के पक्ष में ही वोट न कर दे. और बमुश्किल एक सीट भी हाथ से निकल जाए. ये दो विधायक हैं नारायणत्रिपाठी और शरद कॉल. दोनों ही पाला बदलने में एक्सपर्ट हैं. बीजेपी को डाउट है कि पिछली बार की तरह ये दोनों फिर पार्टी को गच्चा न दे जाएं. इसलिए पहले ही विधायकों के साथ बैठक बुला ली है. जिसमें पार्टी के नव नियुक्त प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा तो मौजूद होंगे ही नरोत्तम मिश्रा, शिवराज सिंह चौहान भी होंगे. जो विधायकों को राज्यसभा में वोटिंग करने और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए तैयार करेंगे. बीजेपी की ये कवायद क्या रंग लाती है ये तो सदन में ही पता चलेगा