कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में आने वाले नेताओं को कुछ दिन इंतजार करना पड़ा. तब जाकर मंत्रिपद मिला. पर कुछ नेता तो ऐसे हैं जो इधर आए और उधर उनके वारे न्यारे हो गए. अब प्रद्युम्न सिंह लोधी को ही ले लीजिए. जिन्हें आए बारह घंटे भी नहीं हुए लेकिन उन्हें नागरिक आपूर्ति निगम का अध्यक्ष बना दिया गया. यानि आते ही सिंधिया समर्थकों के मुकाबिल खड़े हो गए और कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल गया. ये भी साबित हो गया कि फायर ब्रांड नेता उमा भारती का जलवा पार्टी में अब भी कम नहीं हुआ है. दूसरे नेता हैं प्रदीप जायसवाल. जो कभी कांग्रेस के साथ थे. लेकिन पिछले चुनाव में टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय ही चुनाव ड़ा और जीते भी. कमलनाथ के करीबी रहे फिर भी ऐलान कर दिया कि सरकार जिसकी होगी वो भी उसी के साथ होंगे. इस साफगोई का इनाम ये मिला कि उन्हें प्रदेश खनिज निगम का अध्यक्ष बना दिया गया है. यानि कैबिनेट मंत्री का दर्जा उन्हें भी मिल ही चुका है. अब नजरें हैं रामबाई और सुरेंद्र सिंह शेरा पर. रामबाई तो वैसे बीएसपी विधायक हैं पर जिधर सत्ता होती है रामबाई का झुकाव उस और हो ही जाता है. कांग्रेस सरकार में अपने परिवार को एक गंभीर अपराध में क्लीनचिट दिलवा दी. और जैसे ही बीजेपी की सरकार बनी तो बड़े दावे से कहा कि शिवराज भईया उन्हें मंत्री जरूर बनाएंगे. पर अब तो मंत्रिमंडल बन चुका. अब रामबाई के लिए उपचुनाव तक तो कोई जगह नहीं है. पर उन्हें कोई और पद से भी नवाजा नहीं गया है. न ही उन्हें जायवाल की तरह किसी निगम का जिम्मा सौंपा गया और न ही किसी निगम या अन्य किसी लाभ के पद पर बिठाया गया है. इसे क्या माना जाए. क्या बीजेपी ने साफ इशारा कर दिया है कि उनके पास अब ऐसे निर्दलीय और तीसरे पक्ष की पार्टियों के विधायकों के लिए कुछ नहीं बचा है. वैसे भी सरकार को अब उनकी इतनी जरूरत नहीं है. क्योंकि कांग्रेस के ही विधायक बीजेपी में आने पर अमादा है. लोधी ने तो एक गेट खोला है. उम्मीद जताई जा रही है कि कुछ और कांग्रेसी विधायक अभी बीजेपी का रास्ता नापेंगे. ऐसे में रामबाई के लिए बचा ही क्या है. #rambai #bspmlarambai #pradeepjaiswal #mpnews #newslivemp #pradhyumnsinghlodhi #shivrajcabinet #nigammandal #khanijnigam #nagrikaapurtinigam