कई जगह मजाक में थाने को ससुराल कहा जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि दमोह के मड़ियादो गांव में बारात को ससुराल ले जाने से पहले थाने ले जाया जाता है। यानि दुल्हन लेने जाने से पहले दूल्हा घोड़ी चढ़कर और बारात लेकर बैंड-बाजे के साथ मड़ियादो थाने पहुंचता है। और पुलिस भी दूल्हों की अगवानी के लिए तैयार बैठी रहती है। बारात के पहुंचते ही थाना परिसर का माहौल किसी दुल्हन के घर में बदल जाता है और पुलिस अधिकारी और कर्मचारी बारात की अगवानी करते हैं। दरअसल मड़ियादो थाने के भीतर गोंड बाबा का स्थान बना हुआ है। इलाके का हर युवक दुल्हन लाने से पहले सबसे पहले गोंड बाबा के दर्शन और पूजा करने के लिए पहुंचता है। घर से बारात सीधे थाने जाती है और पुलिस भी अपनी सामाजिक परंपरा का निर्वाह करते हुए बाकायदा दूल्हे और बारात का स्वागत करती है यही नहीं थाना प्रभारी इन दूल्हों को उपहार भी देते हैं। इलाके में पुलिस और जनता के बीच सामंजस्य और कम्युनिटी पुलिसिंग का ये बेहतर उदाहरण तो है ही, बुंदेलखंड के सामाजिक ताने बाने की भी दिलचस्प मिसाल है।