जहां जहां पैर पड़े संतन के वहां बंटाधार. ये कहावत तो बहुत पुरानी है पर कांग्रेस को अब इसकी याद आई है. अब कांग्रेस अगर संतन की बात करेगी तो वो कौन होगा समझा जा सकता है. ये संतन कोई और नहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया ही हैं. कांग्रेस के इस नए तंज की वजह बना है एक लेटर जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल है. वैसे तो पत्र लिखने वाले ने अपनी पहचान छुपा कर रखी है. पर ये साफ कर दिया है कि लेटर बीजेपी आलाकमान जेपी नड्डा के नाम है. लेटर में ग्वालियर जिले के नए शहर अध्यक्ष कमल माखीजानी को हटाए जाने की दरख्वास्त की गई है. सिर्फ माखीजा ही नहीं संगठन महामंत्री सुहास भगत पर भी कई इल्जाम लगाए गए हैं. इस लेटर के साथ डेर सारे साइन किए हुए कागज भी हैं. मामला वैसे तो बीजेपी का अंदरूनी है लेकिन जुड़ा हुआ है ग्वालियर से. ये वही जगह जहां एक भी नियुक्ति ज्योतिरादित्य सिंधिया की मर्जी के बगैर नहीं होती. कांग्रेस में तो अब तक यही होता रहा है. ये परंपरा बीजेपी में जारी रहेगी या नहीं कहा नहीं जा सकता. लेकिन जिस तरह ग्वालियर से विरोध के स्वर उभरे हैं उसे देखकर तो लगता है कि महाराज की दाल उतनी नहीं गल सकेगी जितनी कांग्रेस में गला करती थी. क्योंकि फिलहाल तो सिंधिया के गढ़ में फूट नजर आ रही है