कमलनाथ सरकार से अंसतोष जताकर सिंधिया समर्थक बीजेपी में आ गए. क्या सोच कर आए पता नहीं. अब बहुत जी जान लगाकर शिवराज सरकार में अपने लिए सही मुकाम तलाश रहे हैं. आपको बता दें कि इन बाइस लोगों में से. लोग इसलिए क्योंकि फिलहाल इनमें से कोई भी विधायक बचा नहीं है. तो इन बाइस लोगों में से नौ लोग मंत्री पद के दावेदार हैं. इससे कम में बीजेपी का साथ देने वाले नहीं है. कमलनाथ में उन नौ लोगों को मिलाकर 29 लोगों का मंत्रिमंडल था. ये भी तय है कि इन दावेदारों में सभी ग्वालियर चंबल क्षेत्र के हैं. अब शिवराज कैबिनेट में बाइस में से 9 विधायकों को शामिल करना मजबूरी है. मजबूरी नहीं भी हुई तो भी महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया मजबूरी बना ही देंगे. क्योंकि इससे कम में वो भी मानने वाले नहीं है. शिवराज की मुश्किल ये है कि यदि सारे सिंधिया समर्थकों को एडजस्ट करते हैं तो बीजेपी के पुराने नेता बुरा मान सकते हैं. लिहाजा अभी ये तय हुआ के पहले मंत्रिमंडल गठन में सारे पद भरे नहीं जाएंगे. पहली बार में शिवराज सिर्फ बाइस या पच्चीस मंत्री रखेंगे. इसके बाद असंतोष को देखते हुए मंत्रिमंडल का विस्तार होगा.