राहुलगांधी किसी अनजान देश में किसी योग शिविर में मानसिक शांति तलाश रहे हैं. ऐसा हम नहीं कह रहे कांग्रेस के सूत्रों का दावा है. हमारा सवाल तो केवल इतना है कि दो राज्यों के चुनाव सिर पर हैं. साख दांव पर है ऐसे वक्त में भला वो कौन सा टेंशन हो सकता है जिससे शांति पाने के लिए राहुल. योग के विश्वगुरू देश को छोड़ कर दूसरे देश में ध्यान लगाने पहुंचे हैं.हरियाणा के कांग्रेस अध्यक्ष रहे अशोक तंवर का आरोप है कि कांग्रेस में राहुल गांधी के समर्थित नेताओं को साइड लाइन किया जा रहा है. महाराष्ट्र से संजय निरूपम भी कुछ इसी आशय की बात कह चुके हैं. और मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया का जो हाल है वो किसी से छिपा नहीं है. कई प्रदेशों में एनएसयूआई और युवक कांग्रेस के कार्यकर्ता भी डल पड़ गए हैं. दो राज्यों में चुनाव की आहट के चलते उम्मीद थी कि राहुल गांधी दमदार वापसी करेगे और कार्यकर्ताओं में जान फूकेंगे. पर हुआ इसका उलटा राहुल तो लगता है मुंह छिपा कर कहीं चले गए हैं. कुछ खबरें कहती हैं कि वो बैंकॉक में है. बीजेपी के कुछ नेताओं का दावा भी यही है. और कुछ सूत्र बताते हैं कि राहुल कम्बोडिया में कहीं मानसिक शांति की तलाश कर रहे हैं. पर सवाल यही है कि जब पूरी पार्टी तनावग्रस्त है तब राहुल किस तरह दूर देश में मानसिक शांति तलाश कर सकते हैं. वो भी तब जब कांग्रेस दो धड़ों में बंटी नजर आ रही है. एक तरफ सोनियां गांधी के करीबी नेता हैं और दूसरी तरफ राहुल गांधी के करीबी नेता. तो क्या कांग्रेस अब गांधी परिवार में ही बंट चुकी है.चुनाव से चंद दिन पहले राहुल का यूं गायब होना कई सवाल खड़े करता है. उनके इस कदम को किस तरह देखा जाए. ये जानते हैं वरिष्ट पत्रकार शिवअनुराग पटैरियाजी से. जिनसे चर्चा की न्यूज लाइव एडिटर जूही वर्मा ने.
तो अब राहुल गांधी की वापसी का इंतजार है. सुना तो यही है कि वो वापस आएंगे और धुआंधार रैलियां करेंगे. लेकिन तब तक कांग्रेस के एक धड़े के पास सिवाय इंतजार के कुछ नहीं है.