MP में एक तरफ बीजेपी लोकसभा चुनावों के बाद कांग्रेस के विधायकों को तोड़कर प्रदेश में सरकार बनाने के दावे कर रही हो लेकिन सूत्रों की मानें तो सीएम कमलनाथ भी बीजेपी के विधायकों को अपनी ओर मिलाने की पूरी कोशिश में जुटे हुए हैं। न्यूज लाइव एमपी को विश्वस्त सूत्रों के जरिए जानकारी मिली है कि कांग्रेस और सीएम कमलनाथ की ओर से विंध्य क्षेत्र के दो बीजेपी विधायकों को तोड़ने की कोशिश की गई। हम आपको बता रहे हैं इस कोशिश की पूरी कहानी जो बीजेपी और कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के जरिए हमें पता चली है। सबसे पहले बताते हैं कि वो कौन से दो विधायक हैं जिन्हें टारगेट बनाया गया। ये विधायक शहडोल जिले की आरक्षित सीट से ताल्लुक रखते हैं और इनमें एक महिला विधायक भी हैं। जिन विधायक महोदय से संपर्क किया गया उनके पिता अभी भी कांग्रेस में ही हैं। इन दोनों विधायकों को तोड़ने की जिम्मेदारी दी गई थी शहडोल के ही एक बीजेपी नेता को जो जयसिंहनगर से विधायक रह चुके हैं। इन पूर्व विधायक महोदय और उनके बेटे ने इन दोनों विधायकों को भोपाल बुलाकर सीएम कमलनाथ के सामने कांग्रेस की सदस्यता दिलवाने की पूरी तैयारी कर ली थी। हालांकि एक विधायक ने भोपाल जाने से ही इनकार कर दिया दूसरे विधायक महोदय भोपाल तक तो गए कमलनाथ से मिले भी लेकिन उन्होंने भी बीजेपी छोड़ने से इनकार कर दिया। हालांकि इन्होंने लोकसभा चुनाव में अजय सिंह राहुल को मदद करने का आश्वासन दिया है। मालूम पड़ा है कि इन दोनों विधायकों को कांग्रेस को समर्थन देने के लिए मुंहमांगे ऑफर की पेशकश की गई थी। बहरहाल कमलनाथ की ये कोशिश नाकाम रही लेकिन इसका खामियाजा उन मध्यस्थों को भुगतना पड़ा जो कमलनाथ की ओर से बीजेपी विधायकों को तोड़ने के काम में लगाए गए थे। बीजेपी के पूर्व विधायक के बेटे को तो सुना है किसी पुराने गोलीकांड के मामले में जेल पहुंचा दिया गया वहीं पूर्व विधायक महोदय ने बीजेपी के सारे पदों से इस्तीफा देकर अब कांग्रेस में शामिल होने की तैयारी कर ली है और ये भी बताया जा रहा है कि इनके पास पार्टी के लोकसभा उम्मीदवार के प्रचार के लिए जो फंड था वो भी ये डकार गए हैं।