मध्यप्रदेश में सत्ता के गलियारे में दिग्विजय सिंह की सक्रियता देखकर लोग अब कहने लगे हैं कि पता ही नहीं चल रहा कि कमलनाथ मुख्यमंत्री हैं या दिग्विजय सिंह, भाजपा का आरोप है कि दिग्गी राजा परदे के पीछे से सरकार चला रहे हैं। कमलनाथ कैबिनेट में भी सबसे ज्यादा संख्या दिग्विजय गुट के लोगों की है। पंद्रह साल पहले दिग्विजय कैबिनेट में शामिल बाला बच्चन, सज्जन वर्मा, गोविंद सिंह को फिर से मंत्री बनाया गया है वहीं कमलनाथ से ज्यादा दिग्विजय सिंह सरकार के पक्ष में बयान देने मीडिया के सामने आ रहे हैं। सबसे खास बात ये है कि मंत्री नहीं बनाने को लेकर हंगामा करने वाले केपी सिंह, ऐंदल सिंह कंषाना, लखन पटेल वे लोग हैं जो दिग्विजय के शासनकाल में मंत्री रहे थे और उन्हीं के आदमी माने जाते हैं। लेकिन इसका ठीकरा ज्योतिरादित्य सिंधिया के सर फूट रहा है। पंद्रह सालों के वनवास के बाद अब दिग्गी राजा फुल फॉर्म में एक्टिव हैं और भाजपा के आरोपों के मुताबिक शेडो सीएम बन गए हैं।