मध्यप्रदेश के सियासी गलियारों में इन दिनों एक चर्चा बड़े ज़ोरों पर है कि सीएम कमलनाथ दिल्ली क्यों नहीं जा रहे हैं। चर्चा ने इतना ज़ोर पकड़ा कि खुद कमलनाथ के मीडिया समन्वयक को इस बारे में सफाई देना पड़ी कि कोई संशय की बात नहीं है। लेकिन सवाल जस का तस है कि बात-बात में दिल्ली जाने वाले सीएम कमलनाथ दिल्ली तो दूर छिंदवाड़ा भी नहीं गए हैं। कुछ लोगों का कहना है कि कमलनाथ को कांग्रेस हाई कमान की ओर से निर्देश हैं कि वे भोपाल छोड़कर कहीं न जाएं। कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में जीत से उत्साहित बीजेपी प्रदेश में निर्दलीय और कांग्रेस के असंतुष्ट विधायकों को साधकर प्रदेश सरकार गिराने की कोशिश कर सकती है। यही कारण है कि कमलनाथ भोपाल में ही रुककर क्राइसिस कंट्रोल की कोशिश कर रहे हैं। कमलनाथ की कोशिशों का ही नतीजा कहा जाएगा कि कई दिनों से बगावती तेवर अपना रहे सुरेंद्र सिंह शेरा और रामबाई सिंह परिहार जैसे विधायक भी अब कमलनाथ को पूरा समर्थन देने की बात कहने लगे हैं। वहीं अब कमलनाथ भोपाल में रुककर विभागीय समीक्षा करने में जुटे हैं ताकि प्रदेश सरकार के कामकाज को बेहतर बनाकर असंतोष की स्थिति खत्म की जा सके।